QUOTES ON #JUSTICEFORFARMERS

#justiceforfarmers quotes

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21 SEP 2020 AT 15:12

हम लोग हमेसा से सीखतें आये है कि
अनाज का अपमान नहीं करना चाहिए
पर क्या अनाज उगाने वाले का कोई
सम्मान नहीं होना चाहिए? हम घर में
बच्चो को सिखाते है कि आनाज को
बर्बाद न करे न होने दे। तो क्या अनाज
उगाने वाले को बर्बाद होते देखना सही
है। हम सब लोग धर्म-जात के नाम पर
लड़ लेते है शायद कभी किसानों के लिए
भी लड़ लेते? ईश्वर, खुदा, रब, गॉड, चाहे
जो भी मानते हो हम पर पेट मे अनाज नहीं
होगा न तो क़सम से सब को बेच देंगे हम
पेट भरने के लिए। शायद कुछ लोगो को
बुरा लगे पर सच्चाई यही है। हम जिस तरह
जवानों की मौत बर्दाश्त नहीं कर सकते उसी
तरह जिंदा रखने वाले किसानों की मौत पर
चुप क्यों हो जाते है। विचार कीजिये गा !!!

।। जय जवान जय किसान ।।

🇮🇳।। जय हिंद।।🇮🇳

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17 OCT 2019 AT 23:11

We say, "that's edible".
They say,
"Hard earnings to us
are unpalatable".

[Respect to all the farmers]

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8 DEC 2020 AT 9:06

पूरी ज़िंदगी देश के नाम कर दी, और वो हमे आतंकवाद कह रहे हैं
किसान हूँ जनाब दिल पर चोट लगी हैं, सुना हैं वो हमे नाटकबाज कह रहे हैं

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( किसान आंदोलन )
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🔸सब को खिलाने वाला खुद भूखा बैठा है ।
🔹फसल उसकी सरकारी किडा खा बैठा है ।
🔸घर पर उसके 3साल की बेटी 5 का बैटा हैं ।
🔹सोच कर छोड़ दिया उन्हें घर पर अकेला
🔸कि उनकी रक्षा करने वाला ऊपर खुदा बैठा है ।
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#justiceforfarmer💕
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4 OCT 2020 AT 10:08

The mill is his heart
and the machines are his lungs ,
He works there for hours
and makes feed the young.
The shed , he lives
has many cracks and cleaves
The clothes , he wears
is his only attire.
A day came ,
with a furious claim
He hanged himself ,
without screaming for a help.

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2 OCT 2020 AT 6:08

ਕੀ ਆਖਾਂ ਇਸ ਦੇਸ਼ ਬਾਰੇ
ਜਿੱਥੇ ਅੰਨਦਾਤਾ ਰੁਲਦੇ ਸੜਕਾਂ ਪਰ ਨੇ
ਸਿਰਫ਼ ਆਪਣੇ ਹੱਕਾਂ ਲਈ
ਜਿੱਥੇ ਲੋਕ ਨਾਮ ਉਸ ਰੱਬ ਦਾ ਲੈਂਦੇ ਨੇ
ਆਪਣੇ ਮਤਲੱਬ ਲਈ
ਭਗਤ ਬਣ ਬਹਿੰਦੇ ਡੇਰਿਆਂ ਤੇ
ਆਪਣੇ ਬੁਰਿਆਂ ਮਨਸੂਬਿਆਂ ਨੂੰ ਅੰਜ਼ਾਮ ਦੇਣ ਲਈ
ਜਿੱਥੇ ਕੁੜੀ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਦੇਵੀ ਨੇ
ਪਰ ਮੰਨਦੇ ਆਪਣੇ ਪੈਰਾਂ ਦੀ ਧੂਲ ਵੀ ਨ੍ਹੀ
ਜਿੱਥੇ ਅਪਰਾਧੀਆਂ ਨੂੰ ਸਜ਼ਾ ਤਾਂ ਦਿੰਦੇ ਨੇ
ਪਰ ਸ਼ਾਇਦ ਸਿਰਫ਼ ਦਿਖਾਉਣ ਲਈ
ਇਨਾਂ ਸਰਕਾਰਾਂ ਕਰਕੇ ਹੀ ਅੱਜ ਦੇਸ਼ ਦਾ ਏਹ ਹਾਲ ਐ
ਆਪਣੀ ਮਰਜ਼ੀ ਕਰਦੀ ਏ ਨਾ ਸੁਣਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਜਨਤਾ ਦੀ
ਕੀ ਕਰਨਾ ਐਦਾਂ ਦੀ democratic country ਦਾ
ਜਿੱਥੇ ਐਨਾ ਸੰਘਰਸ਼ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਇੱਕ ਇਨਸਾਫ ਲਈ

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25 SEP 2020 AT 13:24

जो नही रहा उसके लिए इंसाफ का शोर हे,
जो जिंदा हे उसकी मुसिबत पर कर नही रहा कौई गौर है.. अभिनेता की मौत का हाहाकार है,
किसान की नही सून रहा कोई पुकार हे..

रिया, दीपिका का ड्रग केस को दिखाना है,
किसान के लिए मुसिबत तो रोजाना है ..
किसान से तो सिफ्र रोटी ही आयेगी,
टिआरपी तो रिया दीपिका हि दिलाएगी..

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30 NOV 2020 AT 11:49

मरता है किसान तो मरने दो,
कोई सुशांत थोड़ी है..

उजड़ता है खेत खलियान उजड़ने दो,
कोई कंगना का मकान थोड़ी है..

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29 SEP 2020 AT 8:52

छट टपकती है उसकी फिर भी बारिश की दुआ करता है,
पूरे देश को खिलाने वाला कभी कभी खुद भी भूखा सो जाया करता है!!
सिस्टम से लड़ते लड़ते लाचार और बेबस रह जाना,
कहा आसान होता है, एक किसान कहलाना!!!!

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30 NOV 2020 AT 9:24

Behind every suicidal farmer , is a murderous lender, and more often an abetting government.

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