QUOTES ON #JUGNOO

#jugnoo quotes

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8 NOV 2018 AT 8:23

सब को रुस्वा बारी बारी किया करो
हर मौसम में फ़तवे जारी किया करो

चाँद ज़ियादा रौशन है तो रहने दो
जुगनू-भय्या जी मत भारी किया करो

जब जी चाहे मौत बिछा दो बस्ती में
लेकिन बातें प्यारी प्यारी किया करो

रोज़ वही इक कोशिश ज़िंदा रहने की
मरने की भी कुछ तय्यारी किया करो

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3 OCT 2019 AT 13:01

हर पल कट रही है जिंदगी डर के साये तले
हर पल सिसक रहे हैं जुगनूँ रात के अंधेरे तले
हर पल बिखर रहे हैं सपने पलकों की निंदीया तले
हर पल तड़प रहा है मन बीते ज़ख्मों के बोझ तले
हर पल फिर भी मुस्कुरा रहे हैं लब आँखों के अश्रु तले
हर पल बढ रहा है इंतजार कि थम जाए ये सिलसिला मौत की बाँहों के कफ़न तले....

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24 JAN 2021 AT 13:54

उम्मींदो का घरौंदा बनाए बैठे है,
सपनों से उसे सजाया है,
अंधेरों के खातिर हमनें
जुगनूओं को भी यहाँ बुलाया है,
ना रौशनी की चाह है अब
ना सूरज को हमने मांगा है,
चाँद की खूबसूरत चाँदनी है यहाँ,
और खुले आसमां का साया है...!

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24 SEP 2019 AT 18:55

जुगनू
हूं मैं जुगनू तो जल भी जाऊंगा रातों में,
कि मत बताओ मुझे अंधेरा कितना घना है।

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26 JUL 2020 AT 20:21

چاند جگنو و ستاروں کی طرح ہوتا ہے
عشق اندھیرے میں اجالوں کی طرح ہوتا ہے

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18 MAR 2021 AT 22:26

किसी तारे की हसरत में मरने से बेहतर
क्यों न किसी जुगनू से मोहब्बत की जाए

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27 NOV 2021 AT 8:35

उसकी खूबसूरती को बढ़ाने
जुगनू भी ठहर जाते है ।।

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16 SEP 2019 AT 3:05

रात के अंधेरे में घर अपना बसाया हैं
तारो के टिमटिमाते नजारे लाया है
चाँद खुद नजर उतारने आया है
रोशन हम ने जुगनूओं से करवाया हैं

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10 JUL 2017 AT 19:50

रात सी होती जा रही है ज़िंदगी...
गहरी, अंधेरी, काली, तनहा और थोड़ी खूबसूरत भी...

पर अब डर लग रहा है इस अंधेरे से...
लगता है जैसे यह बढ़ता ही जा रहा है, धीरे धीरे समेटता जा रहा है, निगल रहा है मुझे...

क्या तुम मुझे इससे निकाल नहीं सकती?
मुझे बचा नहीं सकती?

चाँद ना सही, पर क्या मेरी जुगनू भी नहीं बन सकती?

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15 MAR 2023 AT 21:13

1222 1222 1222
मेरी बातें वो मेरे बाद करता है,
वो ऐसे ही मुझे अब याद करता है।

पकड़ कर जो रखे थे यादों के जुगनू,
वो धीरे से उन्हें आज़ाद करता है।

तसव्वुर में मुझे अब देखता है वो,
मेरी यादों से दिल आबाद करता है।

कभी मिलना नहीं होगा हमारा अब,
तो वो क्यों वक़्त को बर्बाद करता है।

करे है वस्ल को वो याद अब "मीना",
वो ऐसे जीस्त क्यों नाशाद करता है।

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