ये संकट इतना विकट है.. कौन जानता है कि उसका कल सुरक्षित है.. गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी बढ़ती जा रही है.. देश की अर्थव्यवस्था भी डगमगा रही है.. पल पल संक्रमितों की संख्या बड़ रही है.. कितनी जानें अस्पतालों में जिंदगी मौत से लड़ रही हैं.. नियमों का पालन करने की अब हमारी बारी है.. सावधानी बरतना और घर पर रहना हमारी जिम्मेदारी है.. अन्यथा जीवन बचाना काफ़ी भारी है.. यही संदेश जनहित में भी जारी है..