वो अपनी कहानी सुनाता हैं उन हवाओं को जो खुद दिशाहीन होते हुए भी दिशा देती हैं
सुनाता हैं उन पर्वतों को ,जो मजबूत बनने की प्रेरणा देता हैं.. अपनी व्यथा व्यक्त करता हैं , उन नदियों के सामने जो खुद तरल होते हुए भी हमारे आसूं पोछने का काम करती हैं...
चिल्लाता हैं उन पहाड़ो के बीच जहाँ खुद की आवाज कानो में आ कर कहती हैं चुप हो जाओ यहाँ अपना बस अपनी ही आवाज हैं और कोई नहीं तुम्हारे बातों को समझने वाला...........
"वो जज्बात ही क्या जो लोग समझ जाए लेकिन बहते झरने का सुखना भी आकाल ला देता हैं......."!!🍁
ये हुस्न के जलवे बिखराया न कर, यूँ शराफत को जुल्फों में उलझाया न कर, मिल जाएंगे तेरी मुहब्बत के तलबगार कई इस जहां में, इस नाचीज़ पर यूँ इश्क़ आजमाया न कर।