Vishal Singh 13 JUL 2020 AT 15:58 काश! कि मेरी आवाज़ भी इतनी बुलन्द होती मैं कहता और तुम सुन लेते। - Vishal Singh 5 JUL 2017 AT 11:34 मतभेद कुछ यू हुआ कि उन्हें यक़ीन था और मुझे विश्वास - Vishal Singh 1 MAR 2019 AT 17:06 सोता रहा सुकून से उनकी ज़ुल्फ़ों की छाँव में हटाया ज़ुल्फ तो देखा की सहर सँवर के खड़ी थी - Vishal Singh 18 JUL 2017 AT 9:21 मुखौटा बदलते बदलतेमै भी बदल गया हूँ मैं, मैं हूँ भी या मुखौटा ही बन गया हूँ - Vishal Singh 15 OCT 2019 AT 23:32 हर किरदार एक कहानी है,हर कहानी महज़ किरदार। - Vishal Singh 24 MAR 2019 AT 19:44 तुम्हें पता है, इन भींगी पलकों के साथ तुम और भी ज्यादा खुबसूरत लगती हो।लगता है जैसे कि गुलाब की पंखुड़ी पर बारिश की बूँदें गिरी हो - Vishal Singh 22 DEC 2018 AT 16:03 तहजीब के मायने तजुर्बे से पुछोकि मैंने तजुर्बे से तहजीब सीखा है - Vishal Singh 4 AUG 2017 AT 23:55 मेरी रूह भी रोती है सिसकती है, बिलखती है तेरे बिना जीने की रज़ा दे जा मुझको कभी दर्द के बहाने ही दवा दे जा मुझको - Vishal Singh 6 JUL 2017 AT 16:58 ना थका था कभी, ना थकेगा कभी ये वक्त है 'कुमार' ना रुकेगा कभी - Vishal Singh 18 JUN 2017 AT 9:56 जिनकी उँगलीया पकड़ कर चलना सीखा अगर उन्हें भी सहारा ना दे सका तोए खुदा, ये बेबस सी साँसे मुझे गवारा ना होगा| -