कौन कहता है दहश़तग़र्द निकले मदरसे से
हमने मोहब्बत-ए-वतन सीखा है मदरसे से,
हामिद और उस्मान जैसे जांबाज निकले हैं
मुल्क-ए-हिफाजत का अहद लिये मदरसे से,
दुश्मनों की आंखें भी ओझल कर देते थे
ऐसे ज़हीर और पठान निकले हैं मदरसे से,
अपनी फ़नकारी से दुनिया भर में करा नाम,
मो.रफ़ी,बिस्मिल्लाह खान निकले हैं मदरसे से,
जिस शख्सियत ने ऑस्कर दिलाया मुल्क को
ऐसे भी ए. आर रहमान निकले हैं मदरसे से,
दुनिया भर को चौंका दिया परमाणु दे कर,
ऐसे भी होनहार कलाम निकले हैं मदरसे से,
मत देखो तुम बे-बुनियादी श़क से मुझे
हमने हिंद का शान बढ़ाया है मदरसे से !!
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