QUOTES ON #ISHQSHEHERAURTUM

#ishqsheheraurtum quotes

Trending | Latest
6 JUN 2019 AT 8:54

जाने कौन से आँगन को आबाद करेगी
वो जिस से भी बँधेगी उसे आज़ाद करेगी

मैं उसे इतनी सारी कविताएँ सुना दूँगा कि
वो जहाँ भी कुछ पढ़ेगी मुझे याद करेगी

मुझसे माँगते हो अगर मशवरा तो सुन लो
मुहब्बत बुरी चीज़ है तुम्हें बर्बाद करेगी

अजीब लड़की है मुझसे मुहब्बत नहीं करती
मगर कहती है शादी मेरी शादी के बाद करेगी

-


18 JUL 2019 AT 18:58

“ मेरी height 5’5” है और ना मुझे लगता है कि लड़कों की भी 2-3” इंच ही ज़्यादा हो तो जोड़ी सही लगती है... वैसे तुम्हारी height कितनी है ? “

“ मेरी ....... 5’8”....... है... “ वो रुकते हुए बोला!

दोनो चुप हो गए , फिर वो ही बोला... “ अच्छा कल किसी ने फिर मेरी कविता कॉपी की.. और अपने फ़ोटो का कैप्शन बना लिया... मुझे बुरा इस बात का लगा कि तुमने वो फ़ोटो लाइक भी किया है... “

“ अच्छा वो... वो कविता मुझे अच्छी लगी इसलिये.... तुम्हारी कविता ही घूम फिर कर मेरे पास आ गई... देखो न ! दुनिया कितनी छोटी है... “

“ हाँ! 5’5” की... “ वो मुस्कुराते हुए बोला!

-


11 JUN 2019 AT 8:14

इश्क़ के हर सितम पर आह कौन करता है
दुनिया की शर्तों पर निबाह कौन करता है

जितनी आसानी से हमने शिकस्त पाई है
सोच कर देखना ऐसे तबाह कौन करता है

तुम्हारी क़ैद में रहने वालों से रश्क है मुझे
ये कौन सा गुनाह है ये गुनाह कौन करता है

वो सुनाने वाले हैं महफ़िल में अपनी ग़ज़ल
और मैं देख रहा हूँ कि वाह कौन करता है

-


15 APR 2019 AT 10:39

मुझ पर कविता मत लिखना...!!!

( अनुशीर्षक में पढ़ें... )

-


23 MAY 2019 AT 21:25

.

.

.

-


26 FEB 2019 AT 23:17

मैं दिन का मौसम देख कर
बता सकता हूँ यक़ीनन
कि तुमने क्या रंग पहना होगा

आसमान में बादलों को
देख कर समझ जाता हूँ मैं
तुम्हारा मिज़ाज आज कैसा होगा

वैसे ही जैसे
आज भी तुम्हारे कॉलेज से
किसी की रिक्वेस्ट आने पर
मैं समझ जाता हूँ
कि तुमने फिर पिछली रात
किसी को सुनाई थी मेरी कविता...

~ अभिषेक

-


28 DEC 2018 AT 19:36

ख़त्म भी फिर इसी से होगी
मुहब्बत शुरू दोस्ती से होगी

जितना चाहे बन सँवर लो
मुहब्बत मगर सादगी से होगी

क्या फ़ायदा इश्क़ करने का
शादी सभी की कुंडली से होगी

हमारे रिश्ते की चाय मीठी
आँसुओं की चाशनी से होगी

मुझे ये ख़ौफ़ है कि मेरी शादी
उसी के शहर की लड़की से होगी

-


13 FEB 2019 AT 21:09

और चुम्बन की बौछारों से
हम रच दें प्रेम कविता.....

( पूरी कविता कैप्शन में.. )

-


21 NOV 2018 AT 21:17

कुछ लम्हें की यादों से,
बातें बिगड़ी बातों से

मेरी एक तस्वीर गिरी,
मेहंदी वाले हाथों से

आँसू बनकर शे’र गिरे,
इक लड़की की आँखों से

चाँद है कितना बेवफ़ा,
पूछो तनहा रातों से

सीखा मैंने भरोसा करना,
उसके झूठे वादों से

जाने किसकी चीख़ सुनी,
अब डरता हूँ बारातों से

-


8 DEC 2018 AT 19:44

उसने नदी पर लिखी कविता
वो बहकर समंदर में मिल गई...

उसने फूलों पर लिखी कविता,
इक रोज़ उन पर तितली बैठ गई...

उसने पत्तों पर लिखी जब कविता
बेमौसम सारी पतझड़ में गिर गई

जिस जिस पर उसने लिखा
वो सब उसे छोड़ कर चली गई
तुम जानना चाहती थी न कि तुम पर
कोई कविता क्यूँ नहीं लिखी गई...

-