इंतकाम सारे पूरे किए,
लेकिन इश्क़ अधूरा रहने दिया.
वो आया था एक दिन आखिरी बात कहने,
वो कह रहा था , तो मैंने कहने दिया.
दिमाग ने कहा भूल जा इन ज़ख्मों को,
मैंने दिल की सुनी इसलिए सहने दिया.
बहुत चाहा कि उसे बता दूँ सच्चाई उसकी,
हर बार सोचा, और हर बार रहने दिया..
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