QUOTES ON #INDIANPOLITICS

#indianpolitics quotes

Trending | Latest

हां नहीं है दगा फितरत में हमारी मगर फ़िर भी देखो
तुम्हें जब-जब चोट लगती है हमारा ही नाम लेते हो
बड़े सलीके से बना कर रखते हैं ताल्लुक ए 'हयात'
दरम्यान कोई दरार पड़ती है हमें ही इल्ज़ाम देते हो

-


23 JAN 2019 AT 21:38

-



कुछ ना बन सका तो वो सियासतदान बन गया
अच्छा भला था इंसान देखो तो शैतान बन गया
मासूम सा लगता था बहुत सच उसकी रसाई में था
ऐसी बाज़ारों से गुज़रा के झूठ की दुकान बन गया
सुना था उसके घर की तहज़ीब के बारे में बहुत हमने
अब देखा तो उसका घर बेशर्मों का खानदान बन गया
हकीक़त से मुखातिब वो कभी भी होता ही नहीं है
ख्वाबों में जीना ही अब उसकी पहचान बन गया
झूठ और फरेब की तकरीरें वो लिख लिख के पढ़ता है
झूठ ही तीरथ उसका झूठ ही उसका ईमान बन गया
पहले तो वो भी इंसानों जैसी ही बात किया करता था
फिर झूठा,मक्कार,बुजदिल और अब बेईमान बन गया
आंखों में उसकी आंसू भी बस छलावा बनके आते हैं
वो करने का कुछ और दिखने का कुछ सामान बन गया
अक्ल पे पत्थर बांध के रखे हैं उसने अपनी देखो
इंसान ही था जो अब ज़ुम्लों का मर्तवान बन गया
उसके खुद के चाहने वाले भी उसके नहीं हैं खुद अब
खुद के ही घर में खुद के लिए ही वो मेहमान बन गया
उसने सीख लिया हुनर ज़लील होके मुस्कराने का हयात
समझदार से बहुत कम अदना सा एक हैवान बन गया

-


2 JUN 2019 AT 10:41

और आज कुछ...
पंक्तियांँ समर्पित हैं...
मोदी कैबिनेट के...
राज्य मंत्री...
प्रताप चंद्र सारंगी...
जैसे समाज..
सेवक को...
वाकई हम सब...
को गर्व होना चाहिए...
ऐसे राजनेता पर...

-


5 JUN 2019 AT 10:43

Happy birthday ..
Yogi Adityanath...
Really You are a ...
True leader working...
Against crime,anti-
social Elements And...
Empowering.
hinduism...
Stay blessed...
Once again...
Many many returns ...
Of the day ..❤️❤️

-


10 FEB 2020 AT 21:34

-


29 APR 2019 AT 12:37

A right that secures all your rights
Please exercise your franchise...

-


13 AUG 2021 AT 13:52

क्या हम आज़ाद हुए?

रिहा होकर हम फिर से क़ैदी बन कर रह गए,
ग़ैरों के हाथों की कटपुतली बन कर रह गए।

जुनून तो था कुछ कर के दिखाने का दुनिया को,
पर 'आजिज़ी की चक्की में युंही पिस कर रह गए।

वतन को जगमगाने का जज़्बा बहुत था मगर,
रौशनी फैलाने में ख़ुद ही बुझ कर रह गए।

तरक़्क़ी के नाम पर ता'मीरात तो बहुत हुईं
जेबें भरी सेटों की, हम हाथ मल कर रह गए।

सत्तर गया सात गया, हासिल-ए-बोल कुछ न हुआ,
पहले जितना अन्दर थे, कुछ और दब कर रह गए।

लहराते हैं झंडो, आज़ादी के नग़मे भी गाते हैं,
ज़रा गौर कर के देखो हम कहां आ कर रह गए।

-


27 AUG 2020 AT 17:55

मै हिंदुस्तान हूं
अच्छा करू तो लोगो को चुभने लगी हूं
बुरा करू तो लोगो को दिखने लगी हूं
हा मै राजनीति का ही परिणाम हूं
मै आज की हिंदुस्तान हू..

रंगो में बाट कर, लोगो को फास कर
कागज़ के टुकड़ों में, अब बिकने लगी हूं
हा मै राजनीति का ही परिणाम हूं
मै आज की हिंदुस्तान हू..

दाम बोलो अपना नाम बोलो अपना
तुम रहीम हो या राम, काम बोलो अपना
हा मै राजनीति का ही परिणाम हूं
मै आज की हिंदुस्तान हू..

-


23 JAN 2019 AT 20:51

स्वच्छ भारत अभियान का ये सिला हुआ
सब कूड़ा जाकर एक जगह जमा हुआ

-