वो सूर्योदय के साथ की चिड़ियों की कूक
वो दिल के तार छेड़ देने वाले राग
वो धुन, वो साज
हां वही आवाज हो तुम!
वो सूर्यास्त से पहले की मीठी सी धूप
वो चेहरे पे मुस्कान लाने वाली तुक
वो प्यारी, सुनहरी चमक
हां वही पहचान हो तुम!
वो टिमटिमाते तारो की रोशनी भरी रात
वो सुकून भरी नींद में आने वाली याद
वो पराग, वो ख़्वाब
हां वही आराम हो तुम!
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