मेरे मन !! ज़रा ध्यान से सुन !!!
मत कर कोशिशें ख़ुश रहने की
तैयार कर स्वयं को सुख के ही सफ़र में
आने वाले दुख का सामना करने के लिए बेबाक होकर,
हर ख़ुशी को समझ ख़ुश हवाओं का सानिध्य,
और हर दुःख को समझ
आने वाली ख़ुशियों से पहले का मात्र एक पल,
मत कर कोशिशें समय को बांधने की,
क्योंकि जिसने समय को बांधना चाहा,
समय ने उसे ही हालात में जकड़ डाला,
खुल कर जी हर लम्हा,उत्सव मना ज़िन्दगी का
और डूब जा जीवंत क्रीड़ाओं के जश्न में,
मत ढूंढ कोई भी वजह जीने की
के तेरे जीने की वजह ख़ुद तेरे अरमान हैं,
पलकें झुका, बंद कर आँखें, ज़रा सा दिल के पास ला,
जिसे तू ढूँढे, वो तो तेरे हृदय में ही विराजमान है।।
मेरे मन !! ज़रा ध्यान से सुन !!!
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