वो हमे याद कर लेते हैं जब उन्हे वक्त मिलता है और वो जब हमे याद करते हैं तो हमारा वक्त थम जाता है यहां न कोई गम मिलता है न झूठे वादों का घर मिलता है इस एकतरफा मौहब्बत में न बेवफाई का कोई सितम मिलता है लोग कहते हैं तेरी मौहब्बत खाली हाथों की इबादत है हम उन्हे कैसे समझाएँ कि इस इबादत में सुकून बहुत मिलता है
उम्र-ए-दराज ये शख़्स तिरी इबादत करेगा, बस तू अपनी जिंदगी में मसरूफ हो जाए| यूँ अपनी यादों के अफसाने मेरे पास रहने दो, फिर किस दिन न जाने जिंदगी की शाम ढल जाए ||
यकीं ना हो खुदा पे तो इबादत हो नहीं सकती। कहीं शक़ हो ज़ेहन में तो मोहब्बत हो नहीं सकती। भुला भी दूँ मैं खुदको तो..मुझे क्या फर्क पड़ता है... भुलाने की तुझे दिल को इजाज़त हो नहीं सकती। ✍️राधा_राठौर♂
सुनो न... कोशिश है तेरे क़ाबिल बनने की और इक दिन मेरे अंदर भी वो काबिलीयत होगी.. करूंगी इबादत कुछ खास तब मेरी हर मन्नत दुवाओं में क़बूल होगी.. भूलकर गिले शिकवे फिर हम मिलेंगे और हमारे मोहब्बत की इक नई शुरुआत होगी.. 💓💓💓
सुनो न... मेरे तड़पती रूह का आशियाना हो तुम पीपल के पेड़ में बंधी मन्नत का धागा हो तुम ना शौक हो मेरी न हो आदत.. हर रोज दुआओं में मांगी इबादत हो तुम 💓💓💓
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