अगर तुम्हारी स्थिति बुरी है तो इसके जिम्मेवार तुम स्वयं हो, किसी और को दोष मत दो..!! तुम कुछ नया करने से डरते हो, कुछ नया सीखने या जानने में तुम्हें रुचि नही है,, तो तुम्हे नए अवसर मिलेंगे कैसे? तुम कुछ करोगे कैसे?
सबसे पहले मुझे उनके साथ लड़ना होगा जिनके लिए और जो लोगों के खुशी के लिए मैं युद्ध के मैदान में जा रहा हूँ ..... माथे पे टीका लगचुकी है अब ताज का इंतजार.....