हमेशा मुस्कुराता रहता है वो,
जाने क्या छुपाता रहता है वो।
आँखों में कुछ तो है उसके,
नज़रे चुराता रहता है वो।
कुछ नहीं हुआ है सब ठीक है,
कुछ ऐसा जताता रहता है वो।
तसल्ली होती तो नहीं है मगर,
तसल्ली दिलाता रहता है वो।
ग़म कम गहरा तो नही उसका,
उसे और गहराता रहता है वो।
पूछने पर तो कोई जवाब नहीं,
तन्हा बुदबुदाता रहता है वो।
सिर्फ सच्चे लोग पसंद है उसे,
आईने से बतलाता रहता है वो।
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