QUOTES ON #HINIDPOEM

#hinidpoem quotes

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3 MAY 2020 AT 7:15



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7 MAY 2018 AT 10:06

मुस्कुराता चेहरा और आँखों मे इकरार लिए बैठा हूँ ,,
जिन रास्तो में उनकी नजरे पड़ती है ,, उन रास्तो में इन्तेजार लिए बैठा हूँ ,,
ख्वाबो से उनकी निगाहे जो छुट्टियां लेती है ,, वो इतवार लिए बैठा हूँ ।।
इश्क़ पता नही मुझे ,, पर आशिकी वाला वो खुमार लिए बैठा हूँ ,,
गुजरा करती है जो फिजाओ में उनकी खुसबू ,,
वो खुसबू बेसुमार लिए बैठा हूँ ।।
और जब थक जाता हूं खुद से ,,
तो याद कर कुछ पलों को खुशियां बेकरार लिए बैठा हूँ,
नही पता किस जल्दबाजी में है जमाना ,,
जिंदगी और रिस्तो की ,,
मैं तो वो खाली वाला ही सही पर ऐतबार लिए बैठा हूँ ,,
अकेला ही भटकता हु मैं सहर में ,,
पर कुछ "संगम" सा संसार लिए बैठा हूँ ।।
और बैठा है हुजूम साकी बन जाने को जहाँ ,,
वहाँ मैं तो पहले से ही शराब लिए बैठा हूँ ,,।।।

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23 JUL 2020 AT 14:40

बारिशों में रोना छोड़ दो ,”साहब”!

बेशकीमती से आंसू अपने, “पानी”समझ लिए जाएंगे!!

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30 JUN 2020 AT 17:45

आज फिर शाम आई है तुम्हारी याद लिए
बड़ी बेसबर सी थी वो
एक कप चाय पी
एक तुमसे "Cheers" किया
ओफ़िस के मेज पर पड़ी फाईलें मुझे देख रही थी
मन ने एक "उफ्फ" किया और दिलने "हाय" कहा
तो दिमाग ने पलटवार करते हुए कहा कि,
" ये क्या बचपना है ?
देखो तो सही अभी तो पूरा सफ़र बाकी है"....

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3 APR 2018 AT 9:22

Tum...anjaan hi rahoo!!!
kam se kam muskurane ki vajh toh nhi khojaniii.. padegi!!!

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3 APR 2018 AT 9:10

Naam na do apne rishthe ko..,
Q ki e badnaam hone se darr tha hai..

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8 FEB 2020 AT 12:30

ज़िन्दगी रेत सी फिसलने लगी हाथो से
किसी मोड़ पे ना टकराई,
इस दौड़ में मेरे कभी हाथ ना आयी।
कितनी दफा बोला इस पल को ठहरने दे
इसके सुकून में मुझे एक पल तो जीने दे।
....
(Caption)

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30 SEP 2020 AT 17:59

आज फिर हर कवि की कलम रोई है
आज फिर एक बेटी बिना सपनों के सोई है।।

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15 FEB 2020 AT 6:52

सुन लेना
जो में कह ना सकी
दिल में दबी वो बात
लबो से आगे रह ना सकी
होठों पर आईं कई बार
पर तुम से कह ना सकी
वो बात तुम सुन लेना
दिल में दबा वो राज गहरा सा है
आंखों में उसका जैसे पहरा सा है
चेहरे पे ये मुस्कान जिसके वादो से है
आंखों में दर्द जिसकी यादों से है
कर ना सकु मै वो बयान
लेकिन तुम सुन लेना
कह के में फिर फिसला दुगी
मज़ाक था कह के फिर से ठहरा दुगी
तुम उस ठहराव को समझ लेना
हो सके तो तुम इस बार
मुझे सुन लेना।।


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5 OCT 2020 AT 20:24

जाने क्या बात हुई
हाथ में चाय
और बातें करते शाम हुई
वक़्त तो चलता गया
पर नज़रे हमारी कैद हुई
होठो पे हंसी थी
पर दिल में बेचैनी सी हुई
पसंद उनसे ना मिली
वो web series तो में किताब हुई
फिर भी मिलने लगे दिल
जाने ऐसी क्या बात हुई
हाथ में चाय
और बातें करते शाम हुई

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