जाना !! क्या कहा ज़रा फिरसे कहो !!
अच्छा ! तुम्हे मुझसे मोहब्बत है....
साथ निभाने का इरादा भी है या नही !!
या फकत बर्बाद करने की साज़िश है....
आगे ज़िन्दगी कैसे बसर होगी ! ये सोचा है या नही !!
या फकत कुछ वक़्त गुज़ारने की ख्वाइश है....
जो भी हो ! अगर तोड़ो दिल को ! प्यार से तोड़ना !!
हमारी तो इतनी सी सिफारिश है....
वैसे एक बात बताओ ! तुम्हे मेरे ऐब क्यों नही दिखे !!
तुम्हे मुझसे या फिर मेरे रुतबे से मोहब्बत है....
अच्छा ! तो तुम्हे मुझसे मोहब्बत है....
माफ करना ! मै नज़्में उसके लिए ही लिखूंगा !!
जो मेरी पहली मोहब्बत है....
मेरी नज़्मों को मुझे ही पढ़ कर सुना दो !!
क्या तुम्हें मुझसे इतनी मोहब्बत है ??
खैर छोड़ो ये बताओ ! क्या लगवा दोगी !!
अपना ज़नाज़ा मेरे ज़नाज़े के पीछे ??
क्या तुम्हें मुझसे इतनी मोहब्बत है ??
!!!!
-