2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय के
छोटे से गाँव मे जन्मा ,
लालों का लाल बहादुर,
नन्हे नाम से था वो जाना जाता,
भारत माँ का था वो प्यारा,
कष्टों से था बचपन बीता,
माँ का था वो बहुत दुलारा,
कठिन परिश्रम करने वाला,
अग्नि में तपा खुद को ,
कुंदन था बना डाला,
सच्चरित्र और प्यार मूर्ति था,
नही भाता था उसे आडम्बर,
निर्धनता देखी थी करीब से,
दया रखता सदा निर्धन पर,
सादा जीवन उच्च विचार
उसे भाता था....
पथ की कठिनाइयों से न,
तनिक वो घबराता था,
सादगी ,ईमानदारी जिसकी पहचान,
सत्ता पाकर न था तनिक अभिमान,
तुमको नमन ह्रदय से लालों के लाल,
तुमको पाकर ये धरा भी हो रही निहाल।
जय जवान,जय किसान..🇮🇳🇮🇳
@..NURI (नैरिती)...💞💞
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