था समाज का एक सम्मेलन यार
सोचा जाकर मैं भी करु विचार,
गया वहां लेकर घर परिवार
देखा कितना बदल गया संसार,
युवा शरीर से हो रहे विलूप्त से
युवतियां जैसे बुलेरो की कार,
घर का बेटा राजा बेटा ही रह गया
बेटियां पढ़ लिख महारानी हजार,
खाए नहीं भी वो कभी घर अचार
भाये सेजवान चटनी पिज़्ज़ा चार,
बिगड़ेगा ही फिर शरीर का आकार
हॉट डॉग और बर्गर का जो प्यार,
जब देखे लड़के और ना हर बार
आए समझ बॉडी शेमिंग का प्रहार,
नए नए फिर नुस्खे अपनाएं
नींबू पानी,चटनी धनिया बारंबार,
फिर जब ये मन को न भाए
लगाए जिम में दौड़ हर एक वार,
फिर कहे थक कर अथक हुए प्रयास
हम ऐसे है करें शादी सोच विचार.
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