तन्हा है ज़िन्दगी,कैसी है ये बन्दगी,
मन मे छाई कैसी ये अंधेरी रात है।
है कैसी ये लगन,चुभ रही ये अगन,
तड़प ये कैसी, मन में दबी बात है।
बेजान हसरतें,अरमां सभी सुलगते,
बिरहा की छाई घोर काली रात है।
ना टूटेंगे,ना ही तन्हाई से घबरायेंगे,
करेंगे इंतज़ार, हौसले की बात है।
© #Veenu"✍
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