QUOTES ON #HARSHITNAMAN

#harshitnaman quotes

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14 AUG 2018 AT 8:23

हो समर्पित वतन पे ललन चाहिए ,
भगत , आजाद जैसे रतन चाहिए ।
मृत्यु के बाद यदि जन्म फिर से मिले ,
तो भारत ही मुझको वतन चाहिए ।

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16 AUG 2018 AT 20:29

साहित्य के वो सतत पुजारी यूँ मुँह मोड़कर चले गए ,
सारे प्रयास बेकार हुए , वो प्राण छोड़कर चले गए ।
जीवन पूरा ही किया समर्पित मातृभूमि की सेवा में ,
हमसे तो दिल का गठबंधन वो आज तोड़कर चले गए ।

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1 OCT 2018 AT 2:00

हे माँ सुहासिनी , शास्त्ररूपिणी , आपको है प्रणाम ।
श्वेतकमलासिनी , हंसवाहिनी , आपको है प्रणाम ।।
माँ शोकनाशिनी , मात तारिणी , आपको है प्रणाम ।
माँ वरप्रदायिनी , ब्रह्मचारिणी , आपको है प्रणाम ।।

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28 NOV 2017 AT 13:18

महक उठी है ये फुलवारी,
चहक उठीं हैं चिड़ियाँ सारी।
अभी-अभी जो फूल खिला है,
ले आया है खुशियाँ प्यारी।

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12 NOV 2018 AT 18:53

सुनि लीं ना हमरो अरजिया हे छठी मइया !
बलका तोहार माई कइलस बरतिया ।
नारियर , ठेकुअवा जे दउरा सजाइब ,
नदिया के तीरे माई देइब अरघिया ।
सुनि लीं ना हमरो अरजिया.....
हमरो तS गोदिया में दे दीं होरिलवा ,
सीता जइसन बिटिया दीं , महके दुअरिया ।
सुनि लीं ना हमरो अरजिया.....
अपने में लड़S ताटे सगरो तS लोगवा ,
देखउतीं हे सूरुजदेव रउरे डगरिया ।
सुनि लीं ना हमरो अरजिया.....
बरतिन के मनसा पुरायीं हे दीनानाथ ,
हमनी पे बनल रहे हरदम अशीषिया ।
सुनि लीं ना हमरो अरजिया.....

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27 MAR 2018 AT 21:11

मेरी शहादत को तुम कुछ ऐसे अपना लेना ,
मेरे लहू को तुम अपना सिन्दूर बना लेना ।

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7 JAN 2018 AT 13:17

करते प्रणाम झुका कर शीष,
सभी को देती वो आशीष।
मात शारदे की वो छाया,
क्या सखि विद्या,नहीं सखि माया।

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19 NOV 2017 AT 1:00

एक बार फिर तेरी शहादत बेकार जायेगी,
और सियासती दौर में संवेदनाएँ हार जायेंगी।
क्या हुआ जो तू शहीद हुआ,
तू तो मरने के लिए ही था!!
फिर चलेगी सियासत की यही लालफीताशाही,
फिर वही नीति नक्सली चलायी जायेगी।
फिर बातें होंगी कश्मीर की-पत्थरबाजों की,
फिर तुझे कोई सजा सुनाई जायेगी।
क्या हुआ जो तेरी माँ की चुनरी,
अश्कों से भीग जाएगी!
जिन कंधों पे झूले खूब बचपन में,
उन्हीं पर तेरी अंतिम सवारी जाएगी!
क्या हुआ जो राखी लिए बैठी बहना,
फिर न तेरी राह तकने जाएगी!
क्या हुआ जो संगिनी की,
सिन्दूरी माँग सूनी हो जाएगी!
क्या हुआ जो तेरी लाडो,
अब न गुड़िया लाने को कहेगी!
क्या हुआ जो बेटे की,
आस अधूरी रह जाएगी!
क्या हुआ जो तुझसे,
बिछड़ गया परिवार तेरा!
क्या हुआ जो बगिया का,
फूल मुरझा गया!!
चन्द दिन कुछ अश्क बहाये जायेंगे,
अखबारों के पहले पृष्ठ तेरे नाम किये जायेंगे,
कैण्डिल मार्चों का कुछ दौर चलाया जाएगा,
फिर वही काली चदरिया ओढ़ ली जाएगी!
और फिर सब कुछ भुला के,
कातिलों संग दावतों में रोटियाँ तोड़ी जायेंगी!!

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26 JAN 2019 AT 12:03

सूरज की किरणें भी गाथा आज गा रही हैं, भारतीय गणतंत्र पर्व की बधाई है।
लहर-लहर लहरा रहा तिरंगा आज, भारत में पूरे गूँज रही शहनाई है।
शेखर, सुभाष, अशफ़ाक और बिस्मिल जी, भारती के लालों ने आजादी दिलवाई है।
तिरंगा कफ़न ओढ़े पिया आये मण्डप में, प्रेयसी ने रक्त की रोली माथे लगाई है।

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17 FEB 2019 AT 1:03

धरा रो पड़ी है, गगन रो पड़ा है,
पुनः आज अपना चमन रो पड़ा है।
छूकर के वीरों के चरणों को अब,
तिरंगा बना जो कफ़न रो पड़ा है।

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