Tujhse Door Jaa Rha Hu, Tujhe Tere haal Pe Chor Ke,, Hoke Majboor Jaa Rha Hu, Teri Duniya Ko Khubsurat Bana Ke,, Seh Lenge Har Gum Tujhse Judaai Ka, Dil Se Sukriya Tera Iss Bewafaai Ka..!
जिंदगी में कैसे कैसे मुक़ाम आ रहे हैं की मंज़िलो का पता नहीं और चले जा रहे हैं न जाने कैसे कैसे ख्याल आ रहे हैं की किस रास्ते और कहाँ जा रहे हैं न जाने क्यों आज हम घबरा रहे हैं साथ चलने वाले साथ छोड़ जा रहे हैं न जाने किधर और कहाँ जा रहे हैं की मंज़िलो का पता नहीं और चले जा रहे हैं..!!"