पुरानी कहावत है::
जब मटकी बनाई जाती है
तों उसे अंदर और बाहर से
संतुलन दबाव देकर तैयार
किया जाता है.. फिर गर्म
भट्ठी मे पकाया जाता है।
तब उसका use पानी पीने
मे होता था।
(मटकी ="मिट्टी से बने पानी रखने का पात्र")
मतलब :: बच्चें को माँ-बाप भी
ऐसे ही आत्म भाव से अंदर को
और सुरक्षा भाव मे बाहर से
संभालती है तभी ओं ज़िन्दगी
मे सही तरीके से आगे जीता है..
😔🙏🏻.
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