इल्तिजा है ए जिंदगी तुझसे
दे दे खुशियाँ ले ले मेरे गम मुझसे
हर दफा गिर कर,उठ कर, थक चूका हूँ
उलझनों को सुलझाते सुलझाते उलझ चूका हूँ
अमलन अब तो जिंदगी ए अंन्ज आ गया
आब ए तल्ख़ पिया इतना ,उक़ूबत का सही मतलब समझ आ गया
इल्तिजा है ए जिंदगी तुझसे
दे दे अब खुशियाँ , ले ले मेरे गम मुझसे
(अमलन -सच में , जिंदगी ए अंन्ज - जिंदगी को परखना ,आब ए तल्ख़ - आँशु , उक़ूबत -सजा )
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