faizan anjum 4 JUN 2017 AT 14:47 मैं तुमसे मिलकर तुम सा हू-बहू हो जाऊँऐसे लिपटूँ के फिर कोई आरज़ू हो जाऊँ|तयमुम की मिट्टी सी हो पाकीज़ा तुमएक झलक देख लूँ तो बा-वुज़ू़ हो जाऊँ ।। -