मैं बहती जलधारा तुम,
मुझ दरिया के द्योतक हो,
तुम आतप,गतिशील सदा तुम,
तुम बयार ,तूफान सदा तुम,
तुम सम्मान,प्रेम सदा तुम,
तुम मुझ हीन दीन के गौरव हो,
तुम इस जीवन के मंदिर हो,
तुम प्रभु समान ,तुम मूरत हो।
तुम वसंत, तुम सुंदर तुम,
तुम उज्ज्वल किरण हो आशा की,
तुम नरेंद्र,तुम पूज्यनीय,
तुम ज्ञानवान धनवान सदा तुम,
तुम इस जीवन के वाहक हो,
तुम मेरे जीवन के मंदिर हो,
तुम ही मंदिर की मूरत हो।
तुम पालक ,आस्तित्व सदा तुम,
पूर्ण रहो,सम्पूर्ण रहो तुम,
तुम बिन जीव अधूरा है,
तुम ईश्वर की जटिल कल्पना,
देवरूप वरदान तुम्हीं हो,
तुम जीवन के सदा सत्य हो,
तुम मूल रूप ,तुम मोहक हो।
हे!ईश्वर आशीष रखो तुम,
पाएं हर पथ में पग निशान,
बस बढ़ते जाए उन चिह्नों पर,
और,
जीवन मे हो लंबी उड़ान,
जीवन मे हो लंबी उड़ान।।🎂🎂🎂🎂🎂🎂
"गौरव"
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