क्या रखा है शहर की भीड़ भाड़ में
चलों गांव को ही (सजाएं) शहर बनाएं
खेतों में हरियाली लाएं
पेड़ों पर झूले लगाएं
बग़ीचे से आम अमरूद चुराएं,
माली के डर से किसी झुर में छुप जाएं
पीपल की छैया में, बाग बगीचों में
गिल्लीडंडे, कंचे और हु तु तु तु खेले
अखाड़े में जा यारों से दो दो हाथ करें
नदियों तालाबों में अठखेलियां करें,
नाटक मंडली द्वारा शिक्षा प्रचार करें
क्या रखा है शहर की भीड़ भाड़ में
चलो ना गांवों को सजाएं
एक नया "शहर" बनाएं..!!🤸💃
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