QUOTES ON #GALIB

#galib quotes

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27 JAN 2021 AT 11:41

टूटे ख्वाब जोड़ने आया हूँ. मै वो गांव हूँ
जो टुटी छतरी लेके शहर आया हूँ.

आखिरी रात जनाजे के नसीब में कहां मै
ज़िंदा साँसो की मयीयत को पहर आया हूँ.

रेत में दबी कस्ती मेरी जूतों पे लिखी हस्ती मेरी.
फटे लिबास में बेचने कर्ज का जहर आया हूँ.

किसानी का दर्द लिखूँ कैसे कैसे. अनाज बेच के
मै बस का टिकट लेकर दिल्ली आया हूँ.

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4 DEC 2020 AT 10:19

इक दौर का हिस्सा कमाल रखा है.
इश्क का नाम हमने बवाल रखा है.
खुद के लिए ही जाल बिछा रखा है.

किस्सा तेरा कोई सभांल रखा है.
कौन बताये तुम्हें हमने आज भी
अलमारी में सिर्फ एक रुमाल रखा है.

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16 NOV 2020 AT 12:57

खुशियाँ बेचते है हम.
थोड़ी सी खरीदारी तुम भी कर लेना
अपने गम गिरवी रख के.

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18 JAN 2021 AT 0:39

ठहर जाना दिल_ए_दहलीज़ पर ए ग़ालिब मंसूबा अगर रियाह होने का किया है...
फरेबी फितरत नहीं हमारी फैसला तो तहज़ीब से तबाह होने का लिया है❣️❣️❣️

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24 MAY 2019 AT 23:40

या रब अब बस कर ,तेरी आजमाइशो से
दिल तार तार हो गया,
लेकिन मै करूँ भी तो क्या करूँ,
हर बार एक नये जख्म के लिए,
खुद को तैयार कर लिया।।

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9 OCT 2021 AT 20:38

हम कोई ग़ालिब के जैसे तो नहीं..!!
हां..मगर ग़ालिब से कम भी नहीं..!!

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7 JUL 2020 AT 22:51

ग़ालिब यूँ खुद से झूठ बोलते हो
दूर होने का शिकवा करते हो,पर
किसी को कहते सुना था,कि तुम
तो दिलों-दिमाग में बसते हो।।

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मैं जब भी उसकी गली से गुजरता
वह चुपके से मुझे देखती थी,
दरवाजे पर कभी सामने ना आ कर
वातायन से छुप के देखती थी।
कभी देखती थी नजरें झुका कर
कभी पलकों के चिलमन से देखती थी,
कभी देखती थी अपने घर से
कभी पड़ोसी के घर से देखती थी।
कवि सुमित मानधना 'गौरव'

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27 DEC 2017 AT 18:39

ग़ालिब नें क़लम की क्या खूबसूरती हमें दिखाई
कि हर शायर को दर्द में बस क़लम ही लगती दवाई

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27 DEC 2017 AT 21:56

हुजूर मैं आधा मुसलमान ही कहलाता हूँ
शराब जरूर पीता हूँ पर सुअर नही खाता हूँ

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