QUOTES ON #GALI

#gali quotes

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11 OCT 2019 AT 22:39

वे गुजरा करतेहैं हर रोज़ मेरे गली से
लेकिन उनसे मुलाकात नहीं होती ।
बातें तो बहत करतिहुँ उनकी
लेकिन कभी उनसे बात नहीं होती।
हर रोज़ मांगा करतिहुँ उनको पाने की दुआ,
लेकिन क्या करूँ मेरी ईबादत कभी मुकम्मल नहीं होती।

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16 MAR 2020 AT 15:21

अगर मोहब्बत का मिल जाना इतना आसान होता
तो आशिकों की गली में हमारा पहला मकान होता

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27 JUL 2020 AT 16:19

तुम्हारा नाम आज भी होठों पर सजाते है
ये अलग बात है ,,,
ना तुम हमारी गली ना हम तुम्हारी गली आते है

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दिन से सीखो , रात से सीखो
जीवन की हर बात से सीखो,,,,

यारों की यारी से सीखो, नर से और नारी से सीखो
कल से सीखो, आज से सीखो , मौसम के अंदाज से सीखो
कितना मीठा बन सकते हो , कोयल की आवाज से सीखो

"जीवन की हर बात से सीखो ",,,,

साहस देना दुआ से सीखो, जीवन देना हवा से सीखो
रोशन करना सूरज से और दर्द मिटाना दवा से सीखो
सुर से सीखो, ताल से सीखो, सुख दुःख से हर हाल से सीखो
अपना जीवन ज्ञान वृक्ष है, उसके पात पात से सीखो

" जीवन कि हर बात से सीखो ".....

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9 OCT 2019 AT 8:37

आप का पता मिल गयाहै सपनों के शहर में ,
हर रोज़ अब आना जाना होगा।
सपनों की शहर के हर एक गली में
अब हर रोज़ जशन्न मानेगा।

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13 MAY 2020 AT 10:17

आज फिर मुझे मेरा अतीत याद आया उस

की गली में मेरा होना ना होना बराबर था

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5 MAY 2020 AT 16:45

ना जाने कियों तेरी गली मुझे जन्नत से प्यारी

लगी शायद तेरा वहाँ होना यह एहसास दिला गया

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8 NOV 2020 AT 18:45

एक अरसे बाद गुजरी वो मेरी गली से
क्या बताऊँ मेरे ऊपर क्या गुजर रही थी I

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24 JUL 2019 AT 16:12

Jo haansil ho jaay mohabbat teri,
Badnaam galiyo se ho kar,
Isqk ke gadde mai girunga..

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19 JUL 2023 AT 19:17

मैं, आप के शहर, आना चाहता हूँ
सुना है, आप का शहर, खूबसूरत है, आप की तरह
वो गली, जो ले जाती है, आप के घर, की तरफ
उस गली, का हर मोड़, तेरे संग, घूमना चाहता हूँ
🎶 मैं, आप के शहर, आना चाहता हूँ 🎶
🎸🎶
वो खुशबू, जो मिलती है, आप के ही शहर
भीनी भीनी, बारिशों में, जो होती है, वहाँ हर पहर
लहलहाते पत्तों पर, वो सुबह को, ओंस की फुहार
खिड़की से, वो दिखती जो, पहाड़ों की इक कतार
🎶 मैं, आप के शहर, आना चाहता हूँ 🎶
🎸🎶
सड़क के किनारे दिखे, मुझे तेरे, कदमों के निशाँ
उन कदमों के सहारे, मैं पाना चाहूँ, हाँ अपने मुकां
मंदिरों की वो चहल, जहाँ करे तू, सुबह शाम अर्चना
वो नदिया के किनारे, कुछ पल, संग तेरे, बिताना चाहता हूँ
🎶 मैं, आप के शहर, आना चाहता हूँ 🎶
🎸🎶
उपवन में खिले, वो फूलों की, जो आती है महक
तेरे वालों में, वो फूल, हाँ सजाना चाहता हूँ
तेरे घर, के आँगन में, जो माँ तुलसी, का है वास
उस जगह, इक दिया, तेरे संग, जलाना चाहता हूँ
🎶 मैं, आप के शहर, आना चाहता हूँ 🎶
🎸🎶
सूरज की, वो मद्धम सी, जो लाली दिखे, हर शाम
घर वो लोटते पंछी, और मीठी मीठी पवन, जो दे आराम
सावन की जब फूहारें उड़ें, आए तेरे, चेहरे पर जो मुस्कान
तेरे शहर, हाँ तेरे संग, ये सारे पल, मैं बिताना चाहता हूँ
🎶 मैं, आप के शहर, आना चाहता हूँ 🎶
🎸🎶
- Sun💕L ⭐An🎵Prerna🖋️⭐

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