QUOTES ON #GAANVDEHAT

#gaanvdehat quotes

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18 FEB 2017 AT 10:57

ज़िंदगी ना सही तन्हाई में साथ दे दो
प्यार ना सही यादों की इम्दाद दे दो

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17 FEB 2017 AT 3:46

तुम्हारी तरह मैं शायद खुद को नहीं मानता
तुम्हारे दिल को जानता हूं तुम्हें नहीं जानता

पानी भी हूं हर तरह बह जाता हूं
लोहा भी हूं पिघलना नहीं जानता

सीधे चलते हैं सब बस कि साथ चल सकें
मैं तो लड़खड़ाऊंगा संभलना नहीं जानता

डर तुझसे नहीं अपने आप से हो गया है
तेरा साथ हो तो दिल डरना नहीं जानता

अब अगर टूटा तो चूर चूर हो जाऊंगा
ऐसा पत्थर हूं मैं कि दरकना नहीं जानता

'अभि' दिल नहीं बस दिमाग़ ही पलट जाता है
तुम्हारे दिल को जानता हूं मैं तुम्हें नहीं जानता

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28 DEC 2018 AT 15:14

Firi hun main sheher dar sheher,
Lekin mere gaanv sa sukoon kahin aur na mila.

Suney hain maine geet aur sangeet,
Par azaan aur aarti ko ek sath kahi aur na suna.

Saajo sajaawat kai mehfilo ki dekhi maine,
Magar ghar ki sadgi sa sunder kuch aur na dikha.


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5 APR 2017 AT 18:27

थोड़ा डर कर, थोड़ा सहम कर,
मकां ने एक बात कही घर से,

ईमारतें पड़ोस की ऊंची बहुत हैं, धूप आये कैसे?
फूलों की क्यारी खिल ना पाएगी ऐसे,

पुरखों की धरोहर/विरासत पर कौन नहीं करता फ़क्र,
मकां ने ये बात कही होगी उसी ग़ुरूर ए असर,

कुछ खून के आंसू पीकर मकां से बोला घर
अपने नहीं छोड़ते साथ, हो पथरीली सी डगर गर,

बना के ईंट के ऊंचे,बेढंग से डब्बे,
घर बोल के इसे, झुठलाते हैं मेरी हकीकत ये,

कोई परिंद ना किसी भंवरे का खयाल आता है,
इंसान को अब नही कुदरत पे प्यार आता है,

अब तो बस सिर छुपाने छत हो आलीशान,
कौन माटी की खुश्बू का रहा क़दरदान?

ऐ मकां तू क्यों करता है घर का इंतज़ार?
जो है बर्बाद,जो है बेज़ार,

छोड़ दे ये आस
के फूलों की क्यारी का है इमारतों को ख़याल!

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10 AUG 2017 AT 17:00

मेरा हाल यही है अब तो तुझ बिन वक़्त बिताता हूँ
मिल जाता है जितना कुछ बस उससे काम चलाता हूँ
उस अंधेरी स्याह रात में जुगनू ने भी दम तोड़ा था
लेकिन मैं उम्मीद में अब भी हर दिन गीत सुनाता हूँ

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11 AUG 2017 AT 18:23

हुई शाम बहुत बादल के संग मैं भी पाँव चलाता हूँ
हर चौराहे पर भीड़ खड़ी है फिर भी आग बुझाता हूँ
तुम चाहे मर्जी जो कह लो बेशक ये तुम्हारा हक़ तो है
मैं प्रेम नगर का बाशिंदा बस प्रेम की डफली बजाता हूँ

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9 AUG 2017 AT 14:34

मंजिल नहीं मिलती रस्ते में परेशानियाँ बहुत हैं
एक पे ठहरता ही नहीं दिल ये नादानीयाँ बहुत हैं
एक तुझ से भला करदूँ वादा मैं रूह मिलाने का
हर शक्स में लेकिन शहर के तन्हाईयाँ बहुत है

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1 JUL 2017 AT 17:21

यूँ तो वो मुश्किल से कभी घबराता नहीं है
बस शर्म से आजकल बाहर जाता नहीं है

कमी फरमाई नहीं है कूदरत ने उसे ऐसे तो
मेरा दर्द है कि वो खुल के मुस्कुराता नहीं है

ये जो सफ़ेद दाग देखते हो बदन पे उसके
मिट गया, पर तुम्हारे मन से धुंधलाता नहीं है

वो गरीब है, दुनिया उसपे तंज कसती हैं
अमिताभ के आगे कोई सुगबुगाता नहीं है

कभी अंधेरों मे खड़े होकर खुद को निहारइए
अंतर उसमें-आपमें कोई नजर आता नहीं है

ये जो भी लोग हैं, इन्हें बस दवा-दारू चाहिए
ये ना समझो लाइलाज है ठीक हो पाता नहीं है

इन्हें भी साथ बैठाओ, खिलाओ, गले लगाओ
मोहब्बत बांटने में अपना कोई घाटा नहीं है
- सुमन "रौशन"

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14 AUG 2017 AT 19:34

ऑक्सीजन
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कभी सब्जी में नमक कम होता है
कभी भात गीला हो जाता है
कभी धुले कपड़ो में भी दाग होता है
कभी फेवरेट शर्ट गुम कर देती हो

पापा हरबार समझाते हैं
कभी प्रेम से कभी झिड़क कर
फिर तुम्हारा मुस्कुरा भर देना
और कहना कि गलती हो गई

ये तुम दोनों को बांधे रखने वाली
वह डोर है जो दिखती तो नहीं
लेकिन जरूरी बहुत है जिंदगी में
अदृश्य ऑक्सीजन की तरह

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9 AUG 2017 AT 14:48

माना तुमको इश्क़ है लेकिन हमसे कभी बतलाओ ना
सपनों में तो आ जाते हो दिल में कभी तो आओ ना
कई रातों की नींद बेच अब कुछ सपनों को खरीदा है
इतनी ही है फिक्र तो साथ में कुछ लम्हा जी जाओ ना

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