जाएँगे हम वापस ना आने के लिए ,,
बस यादें रह जाएगी बताने के लिए ।।
ये दग़ाबाज़ ज़ाहिर करते हैं राज को।
अश्क़ नहीं रखते कुछ छुपाने के लिए ।।
ख़ाक हुआ जाता है दिल बेरुखी से उनकी।
अब और क्या लाए हो दिल जलाने के लिए ।।
दिल-ओ-जाँ क्या? खुद को तुझ पर हारे हैं।
और क्या क्या जतन करें तुझे पाने के लिए ।।
आस और काश में ही कट रही है ज़िंदगी।
ये ख़्याल अच्छे है दिल बहलाने के लिए ।।
-