QUOTES ON #FIRSTPOEM

#firstpoem quotes

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9 NOV 2020 AT 16:44

अब की बार

अब की बार ख़ुद की खुशी को चूरा कर लाया हूं मैं
सारे गमों को बेहोशी की दावा पीला कर आया हूं मैं ।
नहीं पता मंजिल का लेकिन नई राह पर चलने का हौसला जुटा कर लाया हूं मैं ।।
अब की बार बंदिशों को डिब्बे में बंद कर
अपनी ख्वाहिशों को आजादी के नए पंख लगा कर लाया हूं मैं।
अब की बार मन में जीत का जज़्बा जगा कर आया हूं मैं ।
हारने की सोच को आग में जला कर आया हूं मैं।।

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5 JAN 2020 AT 13:48

कभी कभी तो मिलने आते हो ,
फिर क्यों नहीं बात करते हो ,
ना कुछ बोलते , ना कुछ बात करते हो ,
आ के यूँही चले जाते हो !!!!

इन आँखों के समंदर में ,
क्यों डुबकियाँ लगवाते हो ,
बात करने की कोशिश करू तो ,
दूर चले जाते हो !!!!!

सभी अरमानो पे पानी फेर जाते हो ,
कभी कभी तो मिलने आते हो ,
फिर क्यों नहीं बात करते हो ,
आ के यू ही चले जाते हो !!!!!!!

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11 JUL 2018 AT 21:14

Na jane kitna door hoon,
Tujhe kya pata hai..
Yeh aankho mein meri,
tera chera sada hai..

Tu jaaye jahan bhi,
Mera saya wahan hai..
Tere paairo ke picche,
Mere paairo ke nishan hai..

Tujhe kya pta,
Teri jagah kahan hai..
Tu jo chalti jamee par,
Toh aasma rushva hai..

Tere jaane ke baad,
Palte panne hai..
Har palte panne par,
Sirf zikr tera hai..

Par na jane kitna door hoon,
Tujhe kya pata hai..
Yeh aankho mein meri,
tera chera sada hai..

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10 SEP 2019 AT 15:33

@ ख्वाब@

नींदों में जाते ही आ जाते हैं,
ख्वाब हमारे बड़े बड़े ।
नहीं जानते होंगे कैसे ,
पूरे सारे ख्वाब हमारे।
डर कुछ यूं लगता है ,
'रईस'
टूट ना जाए कांच तरह यह ख्वाब हमारे।

वह आती सूरज की पहली किरण,
लेकर दिल में उम्मीद ,जैसे।
कहती दिन है पूरा पास तुम्हारे,
औकात क्या है ख्वाबों के सामने तुम्हारे।
रहेगा कब तक बंधे डोर आलस से,
कटी पतंग जैसे छोड़ डोर आलस का।
देखोगे कब तक बस ख्वाब नींदों में,
वक्त है उनको अब पूरा करने का।


जो देखे हमने ख्वाब सारे ,
होंगे एक दिन पूरे सारे।।

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29 AUG 2019 AT 14:39

न हिन्दू न सिख ईसाई न हम मुसलमान है !
मानवता है धर्म हमारा हम केवल इंसान है !!


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Full poetry

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30 DEC 2017 AT 20:10

My first poem
2⃣0⃣0⃣7⃣
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1 JUN 2020 AT 9:14

Getting old with us!
We will enjoy many evening meals with us.
We dreamt of a home far away from people rely with us.
We will pay our bills enlightening build of life with us.
We built every duty of home equally with us.
We will draft a baby a sign during love with us.
We plan our goals which are set with us.
We will grow up together adultery to solidarity with us.
We about to death will share every fellings with us.
We will die for every single moment of holy with us.

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3 JUL 2020 AT 23:46


इक वक्त है, इक दौर है
उस दौर में खामोशी है
कुछ अपने, कुछ अंजान है
कुछ समय की चालाकी है...

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27 MAY 2020 AT 8:38


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19 JAN 2021 AT 22:53

ठंड काली रात, लेती सवाल कुछ पूछ
सुबह का सूरज, होगा कोहरे की भूख?
सूर्य ना धेर्य खोता, लड़ता उसे हो सम्मुख
विपदाओं से कैसे कोई, हो सकता विमुख
उदय उसका ना टला, जो रहा सदैव निश्चल
किरणो का तेज वही, जो करे उत्पन हलचल
कोहरा सिखवा गया, मुझको ज्ञान बड़ा गूढ
जीवन पथ पर तुम, कुछ ऐसा करो कूच
देख सको ना तुम, जब बहुत दूर तक कुछ
संभल कदम बढ़ाना, दूर कुछ दूर कुछ

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