चलने जा रही हूँ अब एक अनजाने से रास्ते पर मैं,
पर तुम जो साथ दे देते तो ये रास्ता भी आसान हो जाता,
ना जाने क्यूँ एक अनजाना सा डर है मन में मेरे,
पर तुम जो मुझे थोड़ा-सा हौसला दे देते तो ये डर भी हार जाता,
खुद को खुद से ही सम्भालने की पूरी कोशिश में हूँ मैं,
पर तुम जो मुझे सम्भाल लेते तो मेरा पुरा जहाँ खिल जाता...!
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