खेली थी संग जिसके
अब वो लोग कहाँ हैं ?
बैठती थी साथ जिसके
अब वो साथ कहाँ हैं ?
छूट गए वो लोग
और छूट गया वो साथ
क्योंकि सोती थी साथ जिसके
अब वो रात कहाँ है ?
अपनों की खुशियों में
अब अपनापन कहाँ है ?
सपनों की हवेली में
अब वो लोग कहाँ हैं?
छूट गई वो खुशियाँ
और टूट गया वो सपना
क्योंकि अपने ही शहर में
अब अपने लोग कहाँ हैं ?
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