जिंदगी के पन्नों से जज्बा समेटना उभरने के लिए,
लिखे खातों को फ़ाड़ फेकना कुछ करने के लिए,
गलत लोगों से उभरना होगा आगे बढ़ने के लिए,
टूटे दिल के टुकड़े समेटो किस्मत का हाथ पकड़ने के लिए,
ख्वाब पाने है तो त्यार रहना खुद से लडने के लिए,
बहुत उम्मीदें लगा ली किसी से...
पर अब अपने अंदर झांकना होगा खुद को पढ़ने के लिए...!!
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