Itna bhi khass nhi hai tu ..... Fir bhi Dil Teri hi tarf khicha chala jaata hai...... Pata nhi Q jabbhi aakhe band karti hu Tera hi chehra najar aata hai....$
जो ख़ास हैं वो पास नहीं है उनको दूरियों का एहसास भी नहीं हैं जब थे अनजान तो पाने को चाह थी अब हो गई पहचान तो अनजान हो रहे है वादों को तोड़कर ,रिश्ते को तोड़कर बोलते हैं दिल्लगी नहीं अच्छी इसलिए अब एक बार फिर से अनजान हो रहे हैं
उनका नही, जरूरत हमारी थी वो, उनकी जरूरत हम नही, चाहा हमने उनको था, उन्होने हमको नही, भरोसा हमको उनपर था, उनको हम पर नही, फिर क्यो ठहराते हो जिम्मेदार उनको, सारा दोष हमारा है उनका नही।