हर रात सोने से पहले उसकी तस्वीर से
मैं बात किया करता हूँ,
उसे वो हर किस्सा सुनाता हूँ !
जो तन्हाई में, हर रोज मैं जिया करता हूँ,
फिर वही कसमे वादे,
उसे याद दिलाने की
मैं नाकाम कोशिश करता हूँ !
जो कभी याद थे उसे....
फिर जेहन में आता है,
जिस पर मेरे जज्बातो, तक का असर नही हुआ
तो कहा, उसकी तस्वीर को
मेरे अल्फाज़ो की कीमत का अंदाजा होगा।।
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