QUOTES ON #EVENINGPOST

#eveningpost quotes

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16 OCT 2020 AT 20:55

उनके सामने आ जाने पर हम चुप ना रहते तो और क्या करते,
वे हमें पहचानने तक से भी मुकर जो गए।

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20 SEP 2023 AT 19:45

पुरूष अपने प्रेम को सफल करने के लिए अपनी प्रेमिका तक को भी छोड़ सकता है! 🙂

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22 FEB 2019 AT 19:00

There is a sun half set,
There is a moon half risen,
And we all say,
Woahh!! What an eve!!!

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8 JUL 2021 AT 18:41

एक सांझ ऐसी भी आएगी
सूरज ढलते ढलते अगले दिन का
सवेरा होने नहीं देगी।

एक सांझ ऐसी भी आएगी
जो चांद का इंतजार खत्म करेगी।

एक सांझ ऐसी भी आएगी
धूप की रोशनी चेहरे पे कभी ना चमकेगी।

एक सांझ ऐसी भी आएगी उस सांझ के बाद
अलगी सांझ कभी नही आएगी।

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16 APR 2020 AT 17:52

जो ना छूटे कभी,
मुझे वो हाथ दे दो,
कुछ कसमें.....
कुछ वादे.....
चंद प्यारे लम्हें ही
कम से कम,
मुझे उधार दे दो ।।

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13 OCT 2018 AT 18:04

जाहिर है मुसीबतों में कोई किसी का साथ नही देता,
चुप रहना तुम,बेशक़ आँख से एक कतरा बहा देना।।

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14 SEP 2019 AT 18:03



Being 5'9" worries my parents because I'm above the guy's ego !!

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28 APR 2020 AT 18:39

चंद नगमे लब
पर सजा लाया
आज अपनी मोहब्बत को
जुबां पर लाया
देख मेरी आंखों में ,
कितने अश्क सजा लाया
दिल की कसक को
अब तेरे लिए सजा लाया
नज़रों को उठाकर तो देख
क्या आंखें , क्या चेहरा ,
क्या दिल , क्या लब
हर कोई मोहब्बत का इकरार कर रहा
चमकती रातों का अंधेरा भी
ख़ामोश में हाल-ए-दिल बयां कर रहा
ये रातों का टुटता तारा भी देख
मेरी उल्फत को बयां कर रहा
गुजर ना जाए मेरी उम्र तेरे बिन
किसी सुलगती रेत की तरह
बहुत मुश्किल में है संभालना
बंजारा मिज़ाजी-दिल को
सलीका सिखा जा
मेरी मोहब्बत की आवारगी को

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29 NOV 2019 AT 16:39

महक ,मोहब्बत और बेटियां
कभी वहां नही रुका करती जहा पलती है।।

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5 MAY 2020 AT 18:10

तेरे आने की एक आहट- सी सुनी थी मैंने
और फिर तुमसे हुई क्या बात , कुछ याद नही

तुमसे मिलकर जो मैंने कुछ गीत लिखे थे
कैसे-कैसे थे नगमात , कुछ याद नही

पिछली बारिश में झुम के बरसा था सावन
अब के गुजरी है कैसे बरसात , कुछ याद नही

कुछ खोए से थे तुम , कुछ खोए से थे हम
कैसे गुजरे वो लम्हात , कुछ याद नही

हम मिले कब और कब जुदा हो गए
कहा तुमसे हुई थी मुलाकात , कुछ याद नही

बेखुदी कुछ बढ़-सी गई ,जब प्यार हुआ तुमसे
कितने मासूम थे वो जज़्बात , कुछ याद नही

तुमने फूलों की महक दी या कांटों की चुभन
क्या दी तुमने सौगात , कुछ याद नही

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