वो मुझपे एक जादू सा कर गई
होश मेरा बेकाबू सा कर गई
इतनी शिद्दत थी उसके प्यार में
मेरी ज़िंदगी संवर गई
अब अकेला मै ढूंढ रहा हूं उसे भीड़ में
जान के भी अनजाना कर गई
मिलेगी वो किसी शाम को
कहूंगा मै भी उससे की मेरे बिना क्या तुम संवर गई
अगर न हसीं तो मेरी है वो
अगर हसीं तो फिर जादू सा कर गई
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