ईद आया, लाया ढ़ेरो खुशियों को अपने साथ
ईदी मिली सब को, खुशी से नाच उठे बच्चें सारे
अल्लाह ताला ने क़ुबूल की हर दुआ हमारी
चाहे हिन्दू हो या हो मुसलमान, सिख हो या हो ईसाई भगवान सिर्फ एक है
बाँट लिया है इंसान ने रब को अपने हिसाब से
मज़हब सारे एक समान है बस अलग अलग नाम है
ना कोई ऊपर ना कोई नीचे है
अल्लाह के बंदे हम सब है
जिस दिन मान लेंगे हम खुदा को सब कुछ,
जिस दिन यह एहसास हो जाए कि भगवान सब के लिए एक है
उस दिन खुदा एक होगा और मज़हब इंसानियत का फैलेगा
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