तुम लाख छुपाओ चेहरे से एहसास हमारी चाहत का, बेचैनी में जो आराम दे मैं लम्हा हूँ वो राहत सा... तेरी आँखे मुझसे इश्क़ का इज़हार करती हैं, जो दोहराये तु बार बार मैं बन जाऊ उस आदत सा......
कल यूं ही राह चलते चलते हम पर एक वार हो गया, आंखों ही आंखों में हमे उस से प्यार हो गया, कल हम उस गुलाब से इस कदर टकराये की, अब तो हमे काटों से भी प्यार हो गया!!
साथ न होकर भी जो हर पल साथ है वो तुम हो जिसका एहसास हर लम्हा महकाये वो तुम हो सहर की आगोश में देखा खूबसूरत सा ख्वाब तुम हो न शामिल कभी तेरे नाम में मेरा नाम तो क्या दिल की हर धड़कन में शामिल तुम हो.........