"जो तुम आ जाते एकबार"
दिल को सुकून मिलता बार-बार
चार दिन तो बाकी है,जिदंगी के
यूँ इस तरह बेइंतेहा तड़प कर
न करना पड़ता, इंन्तजार ।
"जो तुम आ जाते एकबार"
सागर मे बहने से,न डरती मै
अपने चंद लम्हों के,
आखिरी पन्नों को
गमों की स्याही से,न भरती मै
यादों के संमदर मे ,डूबकर
जिदंगी को खुशी से
अलविदा करती, मै ।
"जो तुम आ जाते एकबार"
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