मौहब्बत पूरी हो ये जरूरी तो नही इश्क़ मुकम्बल हो ये जरूरी तो नही तेरी खुशियों के लिए हर गम चुप सहते रहे मगर तुझे इसका एहसास हो ये जरूरी तो नही छोड़ दिया तुमने हमें बेवफा समझकर अब हमारी वफाई का सुबूत जरूरी तो नही ठुकरा दी तुमने हमारी मौहब्बत अब धरती की चाह मैं आसमान रोये ये जरूरी तो नही