वो गले लगाए बैठी थी,
मैं आंसू थाम बैठा था।
उसकी सिसकियां मेरे मन तक पहुंच रही थी,
मैं सांसें सीने में थाम बैठा था।
उसके आंसुओं से मेरा कांधा पल-पल भारी था,
और मैं दिल से बोझ हटा बैठा था।
वो पगली हाथों से मुझ में जान भरने में लगी थी,
मैं पागल जिस्म छोड़ बैठा था।
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