हर खुशियों को रुला देता हूँ मैं
यार देखो कितना बुरा हूँ मैं
लोगों के रोने पर, रोता खुद भी हूँ
या'नी सच मुच बहुत बुरा हूँ मैं
दे दो ग़म मुझे, मुझे कोई ग़म नहीं
मगर इतना जान लो 'जान' बुरा हूँ मैं
टूटा तारा देख कुछ मांगा भी नहीं
निधि समझ रही हो कितना बुरा हूँ मैं
नहीं देखा आज आईना भी ये सोच कर मैनें
क्या करना इस आईने का जब बुरा हूँ मैं
और ज़रा दूरी बनाए रखो मुझसे ऐ दोस्त मेरे
यार इतनी नज़दिकी ठीक नहीं, बुरा हूँ मैं..!!
-