एक "माँ "की ओर से अपनी गुड़िया रानी
के लिए चंद अल्फ़ाज़ ...
इस संसार से अंजान,गुड़िया मेरी नादान...
पल-भर में ही मेरी जान बन गई...
वो, उसकी खिलखिलाती हँसी ...
पल-भर में ही मेरी मुस्कान बन गई...
वो, मेरे ख्वाबों की परी...
पल-भर में ही मेरा अभिमान बन गई...
सारवी, पापा की परी , "माँ" की जान...
पल-भर में ही सबकी आँखों का तारा बन गई ...!!!
-Dr.Priya Pachauri✍️
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