ज़ख्म वोही है जो छुपाया जाए , खुले में तो सिर्फ नुमाइश होती है, नमक की बात करें तो वो इंसान जिसने ज़ख्म दिखाने की ज़िद कर के सब खत्म कर दिया तमाशे में ।
पता हैं.. "जनाजे पर इतनी भीड़ क्यों होती हैं"..??? क्योंकि लोग तुम्हारी जिंदगी संवारने नहीं आ सकते..।। पर.... तुम्हें अलविदा कहने को हमेशा तैयार रहते हैं..।।