जित जित नैंना देखत है,उत उत छवि तोरी आवे
ऐसा रंग पिया जी तोरा ,दूजा रंग ना भावे||
तोरे बिन ये नैंना मेरे जी ना पाएं
तेरी जुस्तजू में कहीं मर ना जाए||
हसंता है सावन मुझपर बारिशें जो होती है
बादल के साथ साथ अखिंया मेरी रोती है||
विरहा की लम्बी बडी़ रात है
मिलन है कहा कब मुलाकात है।।
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