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आशंकाओं से नहीं, उम्मीदों से ख़ुद को घेरों..
लक्ष्य जो ठाना है, उसकी तरफ बढ़कर तो देखों..
बाधाएं तो सभी के रास्ते में होती है अनेकों..
तुम बस एक बार, बिना हार-जीत का सोचे,
इन रास्तों का सामना तो करके देखों..
साथी ग़र चाहिए, तो साहस चुनकर देखों..
ख्याति ग़र चाहिए, तो प्रयास करकर देखों..
बस ख़ुद पर यकीं रख, तुम आगे तो चलके देखों..
फिर हर मंज़िल साफ़ और हर राह आसान
लगेगी तुमको..
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