QUOTES ON #DAHEJPRATHA

#dahejpratha quotes

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13 AUG 2020 AT 11:42

मेरी कहानी ( दहेज एक कुप्रथा )
अनुशीर्षक पढ़े 🙏

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13 MAR 2019 AT 15:29

आज पहली बार किसी सामाजिक मुद्दे पर मैंने कोई रचना लिखी है उम्मीद है आप सब को पसंद आएगी...

😭शीर्षक😭
दहेज एक अभिशाप...
मरणोपरांत मेरा एक लड़की से संवाद...

Plzzzz read this full poem in caption...
And drop your feedback in comment box...

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8 JUL 2020 AT 19:57

विधवा की श्वेत साड़ी सी
थमती हुई रक्तनाड़ी सी
कुछ इस हालत में देखी
एक लड़की मैंने अनाड़ी सी

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18 JUN 2019 AT 15:38

Jo paisa maange usse bheek do

Beti nahi... ❤

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17 JUN 2020 AT 0:21

Jodi bnata uprbala..
Pese khata nichebala..
Dukh Dard Sahe nari..!
Fir bhi log de usko gali..?

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19 JAN 2020 AT 21:29

बनी बिहार में मानव श्रृंखला
जन - जन को ये बतलाने को

धधके न दहेज अग्नि में बेटी
दहेज-प्रथा है मिटाने को

बाल विबाह की रीति बुरी है
अब कभी नहीं अपनाने को

कितने घर बर्बाद हो गए
शराब मुक्त है राज्य बनाने को

बहुत प्रदूषित हो रही धरती
हैं अब कुछ बृक्ष लगाने को

हरे भरे कोई बृक्ष न काटो
सबको ये बात समझाने को

आओ सब मिल करें प्रयास
धरती को हरा बनाने को

श्रृंखला से ही दिया संदेश
मिटा कुरीतियाँ बचा लो देश


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8 AUG 2020 AT 16:05

"दहेज़ प्रथा"
एक घर से दूसरे घर पैसों के साथ भेजा जाता है
कैसा ये रिवाज,जिसमें लड़की का सौदा किया जाता है

इन पैसों से क्या सिर्फ लड़की का सामान ही आता है
या उनके घर कीमती वस्तु से,और तिजोरी को भर दिया जाता है

ज़रा भी कम मिलने पर,बहू को ताने दिए जाते हैैं
क्या वो अपनी बेटी के साथ ऐसा हुआ सहन कर पाते हैं

ना जाने कितनी लड़कियों को मजबूत बन,चुप बैठना पढ़ता है
गरीब होने पर,दिल पर पत्थर रख, खुश होना पढ़ता है

कितने ही अत्याचार कर,आज भी लोग जुल्म ढाया करते हैं
जलने की,खुदकुशी की खबर से अखबार भर जाया करते हैं

कृपा कर,इस प्रथा के संविधान को तुम रख दो कहीं
ना जाने कितनो की ज़िन्दगी दाव पर लग जाया करती है
देने और लेने,दोनों परिवारों को बर्बाद कर जाया करती है

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26 AUG 2021 AT 14:43

जान दे दी पिता ने बेटी के रूप में
और पड़ोसी पूछ रहे है कि बहू,
दहेज में क्या लाई......?

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15 JUN 2020 AT 22:16

दहेज उत्पीड़न
बेटी पैदा कर,
बाप है रोया,
ससुराल में उसे पिटता
देख ना सोया,
सांस - नंदो का ना,
जो पेट है भर पाया,
जैसे स्वयं वो कर्जों
के नीचे है डहता साया।।

- पूजा गौतम

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25 JAN 2020 AT 9:52

सुनों……………………
एक बात कहें
नही फ़र्क पड़ता चाहे तुम्हे कितनी भी आग लगें।

ये जो "जाति-जाति" में ही शादी का निज़ाम कर रखा है।
ये कुछ ऐसा है जैसे कुत्ते-कुत्ते शादी करके पिल्ले बढ़ाने में लगे है।

और सुनो…………………

"दहेज़" भीख में दी जाने वाली वो जूठी हड्डी है
जो कि कुत्ते वाले(लड़के वाले) खुद के दम पे कभी पा नही सकते।

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