🍁 दो शब्द देश के हालातों पर🍁
भ्रष्टाचार जब से लाचारी बन गया,,
नेता अमीर देश भिखारी बन गया..!
कर देश सौदा करते हैं दलाले,,
काला धन विदेशों में छुपालें..!
कुपोषित कई बच्चे हैं अनजान,,
आत्महत्या कर रहा गरीब किसान..!
मखमली गद्दे पर तू सुकून ना पाएगा,,
रोएगा एक दिन जो गरीब को सताएगा..!
इंसानियत भूल यह कैसी हरकत मानी है,,
देश की बर्बादी इन्होंने बखूबी ठानी है..!
अख़बारो पर बने रहने का शौक रखने वाले,,
गुजरने दो वक्त तुम हो रद्दी के भाव बिकने वाले..!
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